पूजन रामचंद्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥ सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं। जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।। स्वामी एक है आस तुम्हारी । आय हरहु अब संकट भारी ॥ जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा। होय सिद्धि साखी गौरीसा।। नासै https://shivchalisalyricsinmarath34540.rimmablog.com/29291035/rumored-buzz-on-shiv-chalisa-lyrics-in-hindi